Monday, March 2, 2020

आर्मी चीफ़ नरवणे पर अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी- बोलिए कम, काम ज़्यादा कीजिए

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत के नए आर्मी चीफ़ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को लेकर टिप्पणी की है.

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को लेकर जनरल नरवणे के बयान पर कांग्रेस नेता ट्विटर पर लिखा, ''बोलिए कम, काम ज़्यादा कीजिए.''

अधीर रंजन चौधरी ने ट्विटर पर लिखा, ''नए आर्मी चीफ़, 'पीओके' को लेकर 1994 में संसद से पहले ही कई प्रस्ताव पारित हो चुके हैं. सरकार के पास एक्शन लेने की आज़ादी है और वो दिशा-निर्देश भी दे सकती है. अगर आप पीओके पर एक्शन लेने के इतने ही इच्छुक हैं तो आपको चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (CDS) और प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत करनी चाहिए. बोलिए कम, काम ज़्यादा कीजिए.''

आर्मी चीफ़ जनरल नरवणे ने शनिवार को नई दिल्ली में अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि "भारतीय संसद अगर चाहती है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी भारत में होना चाहिए, तो जब हमें इस बारे में कोई आदेश मिलेंगे, हम उचित कार्रवाई करेंगे."

दरअसल प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल मुकुंद नरवणे से पूछा गया था कि वह भारत के राजनीतिक नेतृत्व द्वारा बार-बार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (भारत जिसे पाक अधिकृत कश्मीर या PoK कहता है) को भारत में शामिल करने वाली टिप्पणियों पर क्या सोचते हैं.

जवाब में नरवणे ने कहा कि 'यह एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण कश्मीर भारत का हिस्सा है.'

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उनके इसी बयान को लेकर टिप्पणी की है.

भारत के थल सेना प्रमुख के इस बयान पर पाकिस्तान ने भी प्रतिक्रिया दी थी. पाकिस्तानी फ़ौज के प्रवक्ता ने कहा था, 'भारतीय आर्मी चीफ़ का एलओसी पार सैन्य कार्रवाई करने वाला बयान उनकी नियमित बयानबाज़ी का हिस्सा है, ताकि देश में चल रही आंतरिक उथल-पुथल से लोगों का ध्यान हटाया जा सके.'

एक ट्वीट में पाकिस्तानी फ़ौज के प्रवक्ता ने लिखा था कि 'पाकिस्तान की सेना किसी भी किस्म के भारतीय आक्रमण का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है.'

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत के नए आर्मी चीफ़ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को लेकर टिप्पणी की है.

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को लेकर जनरल नरवणे के बयान पर कांग्रेस नेता ट्विटर पर लिखा, ''बोलिए कम, काम ज़्यादा कीजिए.''

अधीर रंजन चौधरी ने ट्विटर पर लिखा, ''नए आर्मी चीफ़, 'पीओके' को लेकर 1994 में संसद से पहले ही कई प्रस्ताव पारित हो चुके हैं. सरकार के पास एक्शन लेने की आज़ादी है और वो दिशा-निर्देश भी दे सकती है. अगर आप पीओके पर एक्शन लेने के इतने ही इच्छुक हैं तो आपको चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (CDS) और प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत करनी चाहिए. बोलिए कम, काम ज़्यादा कीजिए.''

No comments:

Post a Comment